बच्चों को कविता लेखन के प्रोत्साहन हेतु एक कार्यशाला का आयोजन |
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50 बच्चे ले रहे भाग
बेटियों की प्रतिभागिता अधिक
इन दिनों हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में ज़िला भाषाधिकारी डॉ0 अनिता के आग्रह पर मैं एक वर्कशॉप में हिस्सा लेने आया हूँ। वर्कशॉप में आने का निमंत्रण इसी लिए स्वीकार किया क्योंकि मुझे जवाहर नवोदय विद्यालय में स्कूली बच्चों के साथ समय बिताना था और इन बच्चों को Hopes and challenges of youth विषय पर केंद्रित कविताएँ लिखने के लिए प्रेरित करना था। डॉ0 अनिता एक जागरूक महिला अधिकारी तो हैं ही साथ ही उनका आग्रह टालना मेरे लिए इसलिये भी मुश्किल था क्योंकि उनका मैं बहुत आदर करता हूँ। इसके साथ-साथ बिलासपुर आने की लालसा इसलिए भी रहती है कि मेरे परम मित्र और बड़े भाई अरुण डोगरा के साथ कुछ समय बिताने का अवसर मिल जाता है। सुमन भाभी (अरुण भाई की पत्नि) के हाथों का लज़ीज़ खाना और उनका स्नेह भला हमेशा कहाँ मिलता है। इसी लालच में जब मैंने बिलासपुर के कोठीपुरा में स्थित नवोदय विद्यालय के बच्चों ने जो मेरा स्वागत किया, उससे मेरी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा। बच्चों के बीच आकर मुझे अपना स्कूली जीवन याद आ गया और मैं उसे इन बच्चों के साथ जीने भी लगा। मैंने पाया कि जवाहर नवोदय विद्यालय के बच्चों में भविष्य के अनेक अच्छे कवि छुपे हैं। इन बच्चों को पहले से ही स्थानीय वरिष्ठ कवि विद्वान और कवि डॉ0 लेख राम और वरिष्ठ कवि एवम संगीत के अध्यापक रहे श्री अनूप सिंह मस्ताना ने बहुत कुछ निखार दिया था। बस इन बच्चों में कमी है तो बस इस बात की कि इन्होंने कविता का ज्ञान तो प्राप्त किया ही है लेकिन कविताएं पढ़ी नहीं है। तो अब मैं उन्हें कुछ अच्छे कवियों की कविताएँ पढ़वाऊँगा और उसके बात इन बच्चों की लेखनी के सुधार को देखूँगा। इस कार्यशाला में लिखी गई कविताओं में से ही चुन कर नवोदय विद्यालय एक कविता संग्रह को प्रकाशित करने जा रहा है जिससे इन नन्हें फूलों की ख़ुशबू की महक यानी इनकी कविताएँ अपनी अलग ही छाप छोड़ जाएगी। इसी विचार को आपसे साझा कर रहा हूँ कार्यशाला में एक हफ्ता रहूँगा और मेरा प्रयास रहेगा कि इन बच्चों की कविताओं को आपसे साझा करूँ और आपका प्रोत्साहन इन बच्चों को मिले ताकि इनकी लेखनी में सुधार आए और इनकी रचनाएँ किसी दिशा की तरफ इंगित करती नज़र आएँ। इन्हीं बच्चों में से एक छात्रा की कविता मुझे पहले दिन सबसे अच्छी लगी क्योंकि इस छात्रा की कविता में कहीं कहीं सृजनात्मकता औरों से अधिक है, यद्पि इन बच्चों की कविताओं को और तराशे जाने की अभी आवश्य्कता है। इस छात्रा की कविता देखें और अपने विचार मुझसे साझा भी करें। कार्यशाला की गतिविधियों से आपको अवगत करवाता रहूँगा और आपकी प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा रहेगी।
नवोदय विद्यालय की छात्रा वनीता जिसकी कविता शीघ्र पोस्ट करने वाला हूँ।
कार्यशाला की कुछ झलकियां:
कार्यशाला में बच्चों के बीच मैं भी बच्चा हो गया
कार्यशाला में नवोदय विद्यालय बिलासपुर (कोठीपुरा) की प्रधानाचार्य अनूपा ठाकुर्
कार्यशाला की कुछ झलकियां:
कार्यशाला में बच्चों के बीच मैं भी बच्चा हो गया
कार्यशाला में नवोदय विद्यालय बिलासपुर (कोठीपुरा) की प्रधानाचार्य अनूपा ठाकुर्
प्रकाश जी कविता तो मुझे कहीं दिखाई नहीं दी? आपका और डा़ अनिता जी का प्रयास बहुत सराहनीय है। बहुत बहुत शुभकामनायें । फिर कविता पढने आती हूँ।अप पोस्ट करिये। धन्यवाद्
ReplyDeleteप्रयास बेहतर ह । कविता कहाँ है ?
ReplyDeleteहिमाचल की बाते करके तो आपने मुझे मेरे घर ही लौटा दिया
ReplyDeleteबहुत सुंदर लेकिन दो कमियां पहली आप की कविता की ओर दुसरी इतने चित्र लेकिन अनीता जी का एक भी नही, बाकी सब बहुत सुंदर, चित्र भी अति अपना पन लिये. धन्यवाद
ReplyDeleteब्लाग जगत में इतने दिन बाद दिखाई दिए आभार कहूँ या शुक्रिया
ReplyDeleteबस यही कहूँगा खुश हूँ.... सच में आप बच्चे के साथ बच्चे ही दिख
रहे हैं... बढ़िया कार्यक्रम ....
अर्श
आज अरसे बाद हिंदी में ग़ज़ल के लिए मेरे मूड सा मूड रखने वाला शायर मिला है. कार्यशाला के बारे में और ब्लॉग के सन्दर्भ में क्या कहूं ख़ास पढ़ नहीं पाया हूँ दो तीन दिन में लौटता हूँ. वैसे यकीन सा है कि यहाँ सब अपने जैसा और सीखने के लिए है.
ReplyDeleteकिशोर भाई आपका आभार
ReplyDeleteसराहनीय प्रयासहै......aaj kal aap likhte nahi hain kya baat hai ... vyast hain kya ... hamaari shubhkamnaaye aap ke saath hain ...
ReplyDeletewah bhai wah ki abaat hai.......gudri me laal chupe hote hai...chaliye kuch haad tak hi sahi yeh laal to dunia ke sammne aayegai...wah biradar wah ..... lage rahna
ReplyDeletewah bhai wah ki abaat hai.......gudri me laal chupe hote hai...chaliye kuch haad tak hi sahi yeh laal to dunia ke sammne aayegai...wah biradar wah ..... lage rahna
ReplyDeleteप्रकाश जी,
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर प्रयस है अपका।बच्चों की सृजनात्मकता को बढ़ाने की अच्छी पहल ।शुभकामनायें।
पूनम
prakash bhayee
ReplyDeletekya batayen kitni khushi huee... sabse badi khushi ki aap himachal se ho aur ye gahzalo ki vaadi si lag raha hia apna pradesh.. bahut salos e dhoodnta tha koe mile jo apni mitti ka ho.. uske geet sunu bhi use apne sunau bhi........ aapke blog mai bahut kuch mila .... bahut acha laga
aapne jis chatra ki kavita post ki hai... bahut pasand aayee umee dhai uske sukhan mai barkat hogi .. aapka blog araam se poora padhunga .
aapke jabaab ke intzaar mai
vikas rana 'janumanu'
Janumanu.blog.co.in
सहमत हूं
ReplyDeleteमेरी बिटिया किसी से कम नहीं
सराहनीय प्रयास
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार
hello bhaiya...
ReplyDeletekavita ka wait kar raha hu...
jadli post kariyega... :)
इतने दिनों बाद भी कविता नहीं है ..
ReplyDeleteक्या हुआ तेरा वादा..??
kuyaa khoob....
ReplyDeleteapne ghar ki yaad aa gai.....
वाह निक राम जी बहुत ही खूबसूरत और प्रभावी लग रहे हैं।
ReplyDeletehum to yahi kahonga bhai sab ki aap ka hi partaap hai mahaaraj...........
ReplyDeleteBahut achha prayas hai...anek shubhkamnayen!
ReplyDeleteदुनिया
ReplyDeleteनमस्कार कैसे हो मजे में या मौजे में? ना फोन ना ब्लोग पर कोई नई जानकारी क्या बात है? कभी पर भी आये ऒर मित्रों का पंजिकरण करवा दें! होली मुबारक!
ReplyDeleteAbhi tak to workshop ki magazine nahin nikli to kya aap kavita bhi nahin bhej sakte?
ReplyDeleteदादा हेडर में टाईटल तो डालो |
ReplyDeleteek umda koshish...shubhkamnayen!
ReplyDeletenice post
ReplyDeleteसूरज को कब रोक पाईं सरहदें,
ReplyDeleteहै बराबर सी धूप बँटी तेरे मेरे बीच
Bahut dinon baad nazar aaye aap blog pe par kya gazab ka likha hai!
हम तो अभी आपकी नई गज़ल पढ़ रहे थे, एकाएक हट गई.
ReplyDeleteNice to see the workshop through this web page. Prakash ji thanx a lot.
ReplyDeleteबहुत अच्छी पोस्ट लिखी है .......धन्यवाद
ReplyDeleteप्रयास बहुत सराहनीय है। बहुत बहुत शुभकामनायें ।
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